Skip to main content

कार्यक्रम

अध्ययन के कार्यक्रम 

केन्द्र में अध्ययन के तीन प्रमुख कार्यक्रम हैं- एमए / एम.फिल / पीएचडी

एम.ए. कार्यक्रम
अफ्रीकी अध्ययन केंद्र, स्कूल स्तर पर प्रस्तुत एम.ए. राजनीति (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) कार्यक्रम में भाग लेता है। एम.ए. स्तर पर पाठ्यक्रमों की बुनियादी जोर छात्रों को अफ्रीकी मामलों के बारे में उच्च अध्ययन / अनुसंधान के लिए तैयार करना है।
एमए स्तर पर पाठ्यक्रम
अफ्रीका एवं विश्व 
उप-सहारा अफ्रीका की सरकार एवं राजनीति
उप-सहारा अफ्रीका की राजनीतिक अर्थव्यवस्था

 

एम फिल/  पीएचडी कार्यक्रम
यह एक एकीकृत कार्यक्रम है। एमफिल स्तर पर एक छात्र को दो साल लगते हैं जिसमें से पहले वर्ष में छात्र पाठ्यक्रम को पूरा करने एवं अगले साल एक छात्र एक संकाय सदस्य की देखरेख में अपना निबंध लिखता है। एमफिल में न्यूनतम ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद छात्र पीएच.डी. में दाखिला लेता है जिसकी अधिकतम अवधी चार वर्ष है । पीएच.डी. की पूरी अवधि थीसिस लेखन एवं अनुसंधान प्रकाशन के लिए होता है

 

एमफिल / पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश एक वार्षिक अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा एवं केंद्र संकाय द्वारा एक साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है। विदेशी छात्र सीधे अपने दूतावासों के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं | विदेशी छात्रों के लिए 1५ % आरक्षण आरक्षित है पात्रता एवं वार्षिक प्रवेश परीक्षा की समय सारणी के बारे में विवरण विश्वविद्यालय की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है।

 

डायरेक्ट पीच. डी कार्यक्रम 
एकीकृत एम.फिल / पीएचडी कार्यक्रम के अलावा, केंद्र भी अपने डायरेक्ट पीएचडी के लिए बहुत सीमित संख्या में छात्रों को एक वर्ष में दो बार (जुलाई एवं जनवरी) में प्रवेश लेता है।  शिक्षक एवं शोधकर्ता द्वारा प्रकाशित अनुसन्धान लेख, एमफिल के बराबर माना जाता है । जो छात्र डायरेक्ट पीच. डी में प्रवेश लेते हैं उन्हें अनिवार्य रूप से एक साल में (दो सेमेस्टर) थेसिस में काम शुरू करने से पहले पढ़ाना अनिवार्य है । अधिक जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है

 

 

एम फिल में पाठ्यक्रम स्तर
उत्तरी अफ्रीका में सरकार एवं राजनीति
औपनिवेशिक प्रभाव एवं अफ्रीकी राष्ट्रवाद
विश्व में अफ्रीका
अफ्रीका में विकास रणनीतियाँ
अफ्रीका में आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन
अफ्रीका में राजनीतिक व्यवस्था
अफ्रीका में विचारधारा
अनुसंधान विधि